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बुधवार, दिसंबर 27, 2017

"सर्दी की रात" (चर्चा अंक-2830)

मित्रों!
बुधवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
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वह सर्दी की रात थी 

वह सर्दी की रात थी
कड़कड़ाती ठण्ड थी
घना कोहरा था
बुझा बुझा सा अलाव था
सीली लकड़ियों से फैला
धुआँ ही धुआँ था चहुँ ओर
और थीं कडुआती आँखें... 
Sudhinama पर sadhana vaid  
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असंतोष 

एक तो परिवार बड़ा
उस पर बेरोजगारी की मार
श्वास लेना भी है दूभर
आज के माहोल में
जीवन कटुता से भरा
कहीं प्रेम न ममता 
हर समय किसी न किसी की बात 
पर असंतोष ही उभरता... 
Akanksha पर Asha Saxena  
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एक नन्हा सा कतरा ...... 

झरोख़ा पर निवेदिता श्रीवास्तव  
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हैप्पी क्रिसमस मेरी क्रिसमस 

जैसे कह रहे हों राम ईसा मसीह से 

आज कुछ ऐसी सोच जगायें 

ईसा मसीह को
याद कर रही है
जहाँ सारी दुनियाँ
बहुत सी और भी
हैं महान आत्माएं

किस किस को
याद करें
किस किस को
भूल जायें... 
उलूक टाइम्स पर सुशील कुमार जोशी 
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मेरी क्रिसमस 

"मेरी क्रिसमस" प्रिय ईसाई भाई बंधुओं, आपको आपके परम् पूज्य यीशु मसीह जी के जन्मदिन पर सपरिवार बहुत बहुत बधाइयाँ और मंगलकामनाएँ।खूब हर्ष उत्साह से मनाएँ यह पुण्य पर्व। लेकिन आपको पता है, जितने उल्लास और श्रद्धा से आप यह पर्व मनाते हैं, 
उससे अधिक उत्साह से हम सेकुलर हिन्दू यह सेलिब्रेट करते हैं... 
संवेदना संसार पर रंजना 
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7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर चर्चा। आभार आदरणीय 'उलूक' के सूत्र को भी चर्चा में स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुन्दर सूत्रों से सुसज्जित आज का चर्चामंच ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका ह्रदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार शास्त्री जी ! सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर सूत्र. आदरणीय शास्त्री जी मेरी रचना को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं

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