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मंगलवार, मार्च 14, 2017

"मचा है चारों ओर धमाल" (चर्चा अंक-2605)

मित्रों 
मंगलवार की चर्चा में आपका स्वागत है। 
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक') 

प्रेमपाश 

बाल रूप तुम्हारा देखा 
सखा सदा तुमको समझा 
प्रेम तुम्हीं से किया कान्हां 
सर्वस्व तुम्हीं पर वारा... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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हर वर्ष फागुन में आती होली 
हर बार नए रंग लाती होली। 
कभी गुब्बारे कभी गुलाल 
कहीं कोई पिचकारी लाल 
सबको रंग रंग जाती होली... 
युवाम पर gurpreet singh Butter 
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1. 
होली कहती 
खेलो रंग गुलाल 
भूलो मलाल! 
2. 
जागा फागुन 
एक साल के बाद, 
खिलखिलाता! 
3.... 
डॉ. जेन्नी शबनम 
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Shri Sitaram Rasoi 
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होली शुभ हो आपको, खुशियाँ मिलें अपार । 
तन मन पर छायी रहे, रंगों- भरी बहार ... 
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715 
फिर फिर याद आती 
वो गाँव की होली  
कमला निखुर्पा  
फगुनाई सी भोर नवेली ... 
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होली त्यौहार ही ऐसा है जो निकृष्ट पल के उदासीन माहौल में भी अपनी खनक छेड़ देता है। उदास पलो के भाव इस फागुनी बयार के झोंके में विलीन हो जाते है। मन पर छाये सुसुप्ता के भाव में रंगों की महक एक नए उत्साह और उमंग का संचार कर देता है। फागुन के पलाश की दहक आसपास के मंजर को उत्साह के ताप से भर देती है। मन में जमे उदासी की बर्फ अब इसकी ऊष्मा में पिघल कर रंगों के बयार के साथ घुल मिल गया है। ।।।।।आखिर होली है... 
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Alpana Verma अल्पना वर्मा  
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गुलाल उड़ा मन ही मन रंगा पगला मन ! .. 
रंग से मिल गलबहियाँ डाल हँसे गुलाल ! .. 
रंग बरसा होली के रंग से रंगी धरा भी ! .. 
फागुन संग पवन खेले रंग उड़े गुलाल ! ... 
रंग अबीर सजधज के आये मनाओ होली ! 
SADA 
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खेले प्रकृति रंगीन फूलों संग धरा से होली 
सूरज चन्दा स्वर्ण रजत रंग घोलें 
झील में सूरज खेले वसुधा संग होली 
भोर की लाली उड़ा गुलाल लाल हुआ 
क्षितिज रवि रंग में मैं तो डालूँगी कन्हैया 
जो आएगा रंग डालूँगी फेंकूँगी रं
ग उड़ाऊँगी गुलाल सुख वारूंगी धरूँगी... 
Sudhinama पर sadhana vaid 
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सरिता मेरा नाम है ,बढ़ती हूँ निष्काम। 
मोदी की जय बोल दो , बोलो जय श्री राम... 
गुज़ारिश पर सरिता भाटिया 
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देशनामा पर Khushdeep Sehgal 

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डाल झुकीं तरुणी के तन सी 

फ़ागुन के गुन प्रेमी जानेबेसुध तन अरु मन बौराना
या जोगी पहचाने फ़ागुन  हर गोपी संग दिखते कान्हा
रात गये नज़दीक जुनहैया,दूर प्रिया इत मन अकुलाना
सोचे जोगीरा शशिधर आए ,भक्ति - भांग पिये मस्ताना... 
इश्क-प्रीत-लव पर Girish Billore 
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17 टिप्‍पणियां:

  1. रविवारीय चर्चा प्रस्तुति को एक दिन पहले देखना अच्छा लगा

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  2. मेरे ब्लाग को चर्चामंच पर जगह देने के लिए धन्यवाद और साथ ही होली की शुभकामनाएँ, रूपचन्द्र जी

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात
    भाई दूज का टीका स्वीकारें
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. इस चर्चा की कढ़ी (लिंक)----- की सही वर्तनी ----इस चर्चा की कड़ी (लिंक)

    जवाब देंहटाएं
  5. आदरणीय शास्त्री जी को होली की मुबारकवाद सहित मेरे ब्लाग पोस्ट को इस अंक में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  6. आज सजा चर्चा मंच होली के रंगों से |उम्दा लिंक्स |
    मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद शास्त्री जी |
    होली की शुभ कामनाएं |

    जवाब देंहटाएं
  7. होली की शुभकामनाएं । सुन्दर मंगलवारीय चर्चा अंक । आभार 'उलूक' के सूत्र 'ठैरा ठैरी.. को स्थान देने के लिये।

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  8. बहुत रोचक चर्चा. होली की हार्दिक शुभकामनाएं!

    जवाब देंहटाएं
  9. होली की हार्दिक शुभकामनायें शास्त्री जी ! बहुत ही सुन्दर रंग बिरंगी चर्चा ! मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका हृदय से आभार शास्त्री जी !

    जवाब देंहटाएं
  10. विनम्र आभार चयनित लिंक्स के रचनाकारों को नमन

    जवाब देंहटाएं
  11. Holi ki dheron shubhkamanyen! mere blog ka link charcha mei shamil karne ke liye dhnywaad.Bahut rang birange link nazar aa rahe hain...blogs ko jode rakhne mei aapka yeh prayaas sarahniy hai.Aabhaar..Sadar.

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर होली विशेषांक चर्चा में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!

    जवाब देंहटाएं

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