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रविवार, नवंबर 15, 2015

"बच्चे सभ्यता के शिक्षक होते हैं" (चर्चा अंक-2161)

मित्रों!
रविवार की चर्चा में आपका स्वागत है।
देखिए मेरी पसन्द के कुछ लिंक।

(डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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खिली धूप 

खिली  धूप के लिए चित्र परिणाम
खिली धूप
स्पर्श मद मंद वायु बेग का
ले चला मुझे
स्वप्निल आकाश में
वर्तमान हुआ धूमिल... 
Akanksha पर Asha Saxena 
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 बहस के बीच में 

ताज़ा ख़बरों का पोस्टमार्टम हो रहा था, 
किसी ने कुएं में छलांग लगा दी थी, 
फ़सल सूख गई थी उसकी. 
पुत गई थी उसके चेहरे पर स्याही, 
मनाही के बाद भी जो बोलना चाहता था, 
क़त्ल हो गया था किसी का... 
कविताएँ पर Onkar  
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फासला उनमें कई सदी का... ! 

रिश्ता एक सागर और नदी का... 
फासला उनमें कई सदी का... ! 
कितने अवरोध हैं मार्ग में... ? 
जाने कितनी यात्रा शेष है...  
अनुशील पर अनुपमा पाठक 
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एक बकवास व्यंग्य – सलाह 
हमारे पड़ोस के मस्तराम जी 
हमेशा दारू के नशे में मस्त रहते हैं | 
मगर मजाल है कि वे बहक जाएं | 
कभी किसी को अनाप -शनाप नहीं बोलते ... 
sochtaa hoon......! 
बालदिवस की सभी बच्चों को हार्दिक शुभकामनायें 

तराने सुहाने 
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ब्लाग का भिखारी 

किस्म किस्म 


के पकवान
लेकर रोज 
पहुंचे पहलवान
सुबह के नाश्ते 
से लेकर 
शाम का भोजन 
तैयार है
किसी में नमक 
ज्यादा तो 
कोई पकने से 
कर चुका इंकार है
फिर भी हर कोई 
खिलाना चाहता है... 
उलूक टाइम्स
उलूक टाइम्स पर सुशील जोशी
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इश्क़ का रुतबा कम नहीं होता 
इश्क़ मज़बूर  बेदम नहीं होता। 

इश्क़ में अगर तपिश नहीं होती 
दिल का कोना  नम नहीं होता। 

हुस्न का सदक़ा भी कौन करता 
इश्क़ में ही अगर दम नहीं होता... 
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क होती है बासी दीपावली जो कि दीपावली होने के बाद भी मनाई जाती है, हमारे ब्‍लॉग पर भी यह परंपरा रही है कि हम सारे त्‍यौहारों का बासी संस्‍करण भी मनाते हैं । तो आइये आज लावण्‍या शाह जी और तिलक राज कपूर जी के साथ मनाते हैं बासी दीपावली। 

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