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शनिवार, मई 14, 2011

"ऐसा ही प्यार बनाये रखिये-दर्शन कौर धनोए" (चर्चा मंच-513)



नमस्कार दोस्तो मैं दर्शन कौर धनोए
आज पहली बार चर्चा के इस मंच पर आपके सामने उपस्थित हुई हूँ  कुछ अपनी पसंदीदी रचनाओं के साथ 
कोई गलती हों तो नौसिखिया समझकर माफ कीजिएगा!
आपका सहयोग चाहती हूँ ...

  आज सबसे पहले चर्चा में ले रही हूँ!
यही तो हम हिन्दुस्तानियों की मानसिकता है!
  ZEAL पर डॉ. दिब्या श्रीवास्तव जी पूछ रहीं हैं!
नहीं जी, गांधी जी जैसा!
अर्चना चावजी आपने वाचन बहुत बढ़िया किया है!
माधवी जी का ेक अनुवाद
जल्द इकट्ठे करो वो तमाम गीत 
जो याद हैं तुम्हें 
उछालो उन्हें सूरज की तरफ 
इससे पहले कि पिछल जायें वो 
बर्फ़ की तरह। 
(अनुवाद : माधवी)   
vandana द्वारा एक प्रयास 
बहुत अच्छा है यह प्रयास-
*कैसे धार्मिक हैं हम ? * 
* हमने धार्मिकता सिर्फ ओढ़ी हुई है 
मगर अपनाई नहीं है . 
अगर अपनाई होती 
तो आज ये हालत ना होती ...........
आज आप देखिये
 हमारे देवी-देवताओं और बड़े- बड़े साधू संतों की तस्वीरें ...
  
संजय भास्कर द्वारा  पर पोस्ट किया गया
** * * *किसी के साथ होने का और किसी के साथ * 
*नहीं होने का विशवास करता है अहसास * * 
* *जब कभी हम टूट जाते है * 
*तब जिन्दगी का अर्थ समझाता है अहसास * * 
* *जब कभी लिखने की उमंग जागी * 
*कल्पनाओ के दर्शन कर...

दोस्तों सब जानते हैं, के किसी भी कामयाबी के मामले में, कुछ अपनों ,और कुच्छ, परायों की कई बार नज़र लग जाती है,, मुझे गलत फहमी हुई ,मेरा ब्लॉग थोड़ा बहुत अच्छा चलने  लगा है ,मेरे ब्लोगर भाईयों और बहनों की जिंदगी और हाल के बारे में जब में लिखने लगा तो मुझे कई मुबारकबाद भी मिली, कई उलाहना भी मिली ,लेकिन अचानक, मेरे ब्लॉग की रीडर शिप ठप्प हो गयी, मे .. 
 अपनी संस्कृति में पढ़िए
पढ़िेए यह रोचक दास्तान! 

अअरे रामकुमर देख ऊ आवत आ जवन कलिहा तोहे अस तोरान तोड़े रहा तबियत से तोहे पीटे रहा चल ओके बतावा जाये तब न ओके समझ में आइये कि तोडाय पर कैसा दर्द होइए नाही त ऊ हम गाँव वालन के बौचट समझिये..
 अब देखिए यह मजेदार कार्टून

कार्टून : राहुल गाँधी को ढूँढना मुश्किल ही नहीं...

rahul gandhi cartoon, congress cartoon, mayawati Cartoon, bsp cartoon, indian political cartoon
Cartoon by Kirtish Bhatt (www.bamulahija.com) 

हाँ आजकल यही कर रहें हैं ये सियासती फकीर
लूटों इन किसानों को, विकास बचा लेगा तुम्हें

खेती के विकास के लिए कभी आपने नेताओं की इतन सक्रियता देखी है? ग्रेटर नोएडा से लेकर देश के सैंकड़ों स्थानों पर किसानों की ज़मीन विकास के लिए ली जा रही है। खुद खेती संकट के दौर से गुज़र रही है। अनाजों को रखने के लिए अभी तक गोदाम नहीं बन सके हैं। फल-सब्ज़ियों के उत्पाद को बचाने के लिए वातानुकूलित स्टोरेज की व्यवस्था तक नहीं कर पाये। किसान का कर्ज़ ...  

बिल्कुल यही तो हो रहा है इस दुनिया में आजकल
तुम्हारा प्रेम मेरे लिए !

तुम्हारा  प्रेम  उस किताब के पन्नो जैसा है  
जो  अलग होते जाते हैं 
 क्रमश एक दुसरे से  पढने के क्रम में  

.'"बड़ी सूनी-सी है..
आँगन की चारपाई.. 
बड़ी सहमी-सी है..
खलियानों की जुदाई.. 
पेश हुआ ना नज़राना..
कीमत-ए-दगाबाजी.. 
नादां था..समझ ना सका तेरी  

भाषा,शिक्षा और रोज़गार में है यह खुशखबरी


परिकल्पना में रवीन्द्र प्रभात जी लेकर आये हैं

इसमें कोई संदेह नहीं कि विविधता से परिपूर्ण हिन्दी ब्लॉग जगत में बहुत कुछ समाहित हो चुका है जो अन्यत्र नहीं दिखाई देता । हिन्दी के चिट्ठों पर अनेक उपासना...  
 रश्मिप्रभा जी के ब्लॉग
वटवृक्ष में पढ़िए!

आनन्द लीजिए सवैय्या छन्द का

सवैया - 2 सवैया ---------- 
1 सीस पर सुहाय रहे ,केसन के दल पर दल, 
फेसन के मारे वा में तेल नहीं डारो है मुखड़े पर पोत लियो ,
मन भर के पाउडर, गरदन को रंग मगर ,...  
और यह तकनीकी पोस्ट

Computer Duniya में देखिए!

कार्टूनिस्ट इरफान लाए हैं यह मजेदार कार्टून 
आशा जी  Akanksha  पर लेकर आई हैं 
यह सुनहरी बारिश

जब कंचन मेह बरसता है वह भीग जाता है 
जितना अधिक लिप्त होता है कुछ ज्यादा ही भारी हो जाता है | 
उस बोझ तले जाने कितने असहाय दब जाते हैं 
निष्प्राण से हो जाते है...
 SADA कह रहीं हैं!

पूछा मैने खामोशी से 
तुम यूं ही चुपचाप सी क्‍या सोचती हो 
वो बोली मैं सिर्फ दिखने में खामोश रहती हूं ... 
मेरी बोली सुनता मेरा अन्‍तर्मन पढ़ता है 
गुजरे पलों क... 
पर पढ़िए!

*निष्ठुर हाथों ने बचपन छुड़ाया* 
 * *अभी खिसकना सीखा था * 
*वक़्त ने कैसे बड़ा किया * 
*कुछ कठोर सच्चाई ने *....
 पीलीभीत उत्तर प्रदेश से (
) रोशी अग्रवाल जी की भी 
मदर दिवस पर प्रस्तुति है
आज विश्व में मनाया जा रहा है ममता दिवस सिर्फ एक दिन ही क्या है ? 
उस माँ के वास्ते साल के ३६५ दिन भी है कम उस माँ कें लिए कितने, 
कष्ट और पीड़ा सहकर देती है... 
चर्चा मंच के सीनियर चर्चाकार
मनोज कुमार जी आज लेकर आये हैं -
मनोज ब्लॉग पर
*समीक्षा*** *आँच-68* *सिस्टम के अन्दर : अन्ना हजारे*  *हरीश प्रकाश गुप्त* जब से बाबा रामदेव और उनके समूह ने भ्रष्टाचार के  
 कर्मनाशा में लू के थपेड़े खाते हुए
अमलतास को जान लीजिए!

अप्रैल को the cruellest month कहा जाता है 
लेकिन मैं प्राय: इसमें थोड़ा 
संशोधन-विस्तार करने की छूट लेते हुए 
मई माह को भी जोड़ लेता हूँ...
अदा जी फरमा रहीं हैं!


 लगे हाथ उर्मी चक्रवर्ती जी का भी मुक्तक पढ़ लीजिए!
उनकी भूली-बिसरी वो कैसी यादें थीं, यादें क्या थी ख़ुद से मुलाकातें थी, मन की गहराई में डूबी देखती रही, सीप में मोती से महँगी उनकी बातें थी ! 
चर्चा मंच की सीनियर चर्चाकार
बड़ी बहन संगीता स्वरूप को 
आज मैं अपनी पहली चर्चा में भला कैसे भूल सकती हूँ!

बिखरे मोती में सजे हैं इनके


मुम्बई की सैर  करना न भूलें!

" ये है बाम्बे मेरी जान " (चर्चगेट स्टेशन, लोकल ) 
मुम्बई की सैर : भाग 1 :- चर्चगेट ! 
आज मैं विशाल जी के कहने पर करवा रही हूँ 
मुम्बई की सैर!  

चलते -चलते .देख लीजिए क्या कह रहे हैं केवल राम
वो आये और .............केवल राम

जीवन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है . हमारा जीवन कितना है इस बात को कोई भी नहीं जानता लेकिन फिर भी हम सब अपने - अपने ढंग से जीवन के लिए कुछ न कुछ निर्धारित करते हैं . कई बार हमें सफलता मिलती है तो कई बार असफलता लेकिन फिर भी हम अनवरत रूप से जीवन की गति को बनाये रखते हैं और यह होना भी चाहिए . जहाँ तक मैं अपने सन्दर्भ में बात करूँ एक ही बात बचपन से ...  
विदा लेने से पहले मैं शुक्रगुज़ार हूँ उस शख्शियत की 
जो हर हाल में इस चर्चा मंच को जिन्दा रक्खे हुए है!
मुझसे यह चर्चा कभी पूरी नहीं हो सकती थी!
साथ ही चर्चा मंच के सभी सहयोगियों
और पाठकों का भी धन्यवाद करती हूँ!
जिन्होंने बहुत गर्मजोशी से 
मेरा इस चर्चा मंच पर स्वागत किया
आब आज्ञा दीजिए!
अगले शुक्रवार फिर मिलूँगी! 

30 टिप्‍पणियां:

  1. दर्शन जी नमस्ते और पहली चर्चा के लिए बधाई |
    अच्छी और सार्थक चर्चा |
    मेरी रचना को आज के चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए आभार |
    आशा

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  2. Darshan kaur ji sarv pratham main aapko meri kavita par tippani ke liye haardik dhanyavaad dena chahti hoon.aaj pahli baar charcha manch par aai hoon aur pahli baar aap bhi apni charcha prastut kar rahi hain.yah ek sanyog hi hai.apna link charcha manch par dekh kar bahut khushi hui.aapka bahut aabhar.aapki mumbai ki sair ka bhi khoob lutf uthaya.bahut achchi prastuti pesh ki hai aapne.dhanyavaad.

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  3. विस्तृत और सुन्दर चर्चा

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  4. दर्शन जी पहली चर्चा के लिए हार्दिक बधाई..बहुत ही सुंदर लिंकों का चयन किया है आपने..विस्तृत चर्चा........चर्चा मंच में आपका बहुत बहुत स्वागत है.........

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  5. अमन का पैग़ाम शामिल करने का शुक्रिया

    जवाब देंहटाएं
  6. मेरी रचना को आज के चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए आभार |

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  7. पहली चर्चा इतनी सुन्दर तो क्या कहे .. शुभकामनायें ... और बधाई ..चर्चामंच में शामिल होने के लिए...

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  8. ये तो सिर्फ़ आपकी बेहतरीन शुरुआत है, आपको आगे तो और ज्यादा मेहनत करनी होगी,

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  9. दर्शन कौर जी आपका आपकी पहली चर्चा मे स्वागत है…………बहुत ही सुन्दर, संयत और शालीन चर्चा लगाई है…………पहली ही चर्चा ने मन मोह लिया…………बधाई और आभार्।

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  10. दर्शन जी पहली चर्चा ही आपकी बहुत आकर्षक रही ! सुन्दर एवं सार्थक लिंक्स का आपने चयन किया है ! आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !

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  11. दर्शन कौर धनोए जी,
    चर्चामंच पर भी आपका हुनर देखा,अच्छी चर्चा प्रस्तुत की.बधाई आपको.

    जवाब देंहटाएं
  12. .

    दर्शन जी ,

    ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए , या फिर एक गाल पर चांटा मिले तो दूसरा भी आगे कर देना चाहिए ?

    .

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  13. सुन्दर चर्चा के लिए बधाई।

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  14. दर्शन जी,
    पहली चर्चा के लिए हार्दिक बधाई..!
    आभार...!

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  15. बहुत खूब 'दर्शी'जी,क्या 'चर्चा'की है.
    चर्चा मंच पर आपकी प्रस्तुति सहज और रोचक है.
    आप 'नौसिखिया' कहाँ,आप नौ नौ को सीख दे रही हैं.आपकी पोस्ट पर मेरी टिपण्णी दिखलाई नहीं पड़ रही है.क्या जादू मंतर किया है आपने ?

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  16. शुक्रिया ...वाचन पसन्द करने के लिए...

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  17. बड़ी मेहनत से तैयार की गई रंग-बिरंगी चर्चा।

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  18. दर्शन जी!
    आपने बहुत सुन्दर चर्चा की है!
    बस बीच में धोखा मत दे देना!

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  19. यह क्या कह दिया शास्त्री जी?
    'दर्शी'जी और धोखा ?
    ऐसा हों ही नहीं सकता.

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  20. दर्शन जी, सार्थक और सारगर्भित चर्चा के लिए बधाई ।
    कृपया मेरा भी ब्लॉग देखें और मेरी रचनाओं पर उचित मार्गदर्शन करें ।
    Www.pradip13m.blogspot.com

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  21. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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  22. राकेश जी,शास्त्री जी का मतलब था की चर्चा -मंच को बिच में ही मत छोड़ देना ....मै क्यों छोड़ने लगी ....सम्मान देकर ही सम्मान पाया जाता है जनाब ..

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  23. चर्चामंच पर पहली चर्चा की बहुत बधाई.सुन्दर चर्चा लगे है आपने.

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  24. maa....pehli pehli charcha manch lagane ke lie...badhai kare siwkar....bahut khubsurat sajaya charcha manch...bahut bahut badhai...

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  25. सार्थक चर्चा |
    मेरी रचना को आज के चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए आभार |

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